इतना विराट् व्यक्तित्व था हमारे बाऊजी का !उसको शब्दों में कैसे सीमित कर दूँ। इतना विराट् व्यक्तित्व था हमारे बाऊजी का !उसको शब्दों में कैसे सीमित कर दूँ।
कभी वह गायों को नाम से पुकारते थे तो गायें दौड़ कर आती थी। कभी वह गायों को नाम से पुकारते थे तो गायें दौड़ कर आती थी।
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उसकी इच्छा का सम्मान करना चाहिए, चाहे वो उसकी पत्नी हो... या कोई और... उसकी इच्छा का सम्मान करना चाहिए, चाहे वो उसकी पत्नी हो... या कोई और...
ये पल कभी न ठहरे हैं लाल गुलाबी चमक कभी कभी ये सलेटी पन्ने हैं। ये पल कभी न ठहरे हैं लाल गुलाबी चमक कभी कभी ये सलेटी पन्ने हैं।
माँ की तस्वीर के सामने खड़े होकर पाँचों ने एक साथ कहा, "माँ, हमारा मायका आज भी ज़िंदा है माँ की तस्वीर के सामने खड़े होकर पाँचों ने एक साथ कहा, "माँ, हमारा मायका आज भी ज़ि...